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यू.जी.सी. - नेट

विषय - इतिहास कोड - 06

टिप्पणी

पाठयक्रम में दो प्रश्न-पत्र होंगे, प्रश्न - II तथा प्रश्न-पत्र-III (भाग-ए तथा बी)। प्रश्न-पत्र-II में 50 बहु-विकल्पी प्रश्न (बहु विकल्पी, सुमेलित टाइप, सत्य/ असत्य, कथन-कारण टाइप ) होंगे, जिनका अंक 100 होगा। प्रश्न-पत्र-III के दो खण्ड-ए और बी होंगे; प्रश्न-पत्र - III (ए) में लघु निबंध प्रकार के 10 प्रश्न (300 शब्दों के ) होंगे जिनमें प्रत्येक प्रश्न 16 अंकों का होगा। इनमें प्रत्येक इकाई से एक प्रश्न आन्तरिक विकल्प होंगे (10 प्रश्न, 10 इकाई से; कुल अंक 160 होंगे)। प्रश्न-पत्र III(बी) अनिवार्य होगा, जिसमें ऐच्छिक विषयों में से एक-एक प्रश्न होंगे। परीक्षार्थी को केवल एक प्रश्न (एक ऐच्छिक केवल 800 शब्दों के ) करना होगा, जिसका अंक 40 होगा। प्रश्न -पत्र-III के कुल अंक 200 होंगे।

प्रश्न पत्र-II

1. संकल्पनाएॅं, विचार तथा अवधियाॅं

भारतवर्ष ===> बलूता
सभा-समिति ===> इकता
वर्णाश्रम ===> जजिया
पुरूषार्थ ===> मदद-इ-माश
रीना ===> अमरम
संस्कार ===> राय-रेखी
यज्ञ ===> जनगम
कर्म का सिद्धांत ===> चैथ
दण्डनीति/अर्थशास्त्र ===>हुण्डी (विनिमय पत्र)
ससांग ===> सर्राफ
धर्मविजय ===> पोलेगर
स्तूप/चैत्य ===>जागीर
नागर/द्राविड़/वेसरा ===>दस्तूर
बोधिसत्व/तीर्थकर ===> मंसब (ओहदा)
आलवार/मयनार ===> देशमुख
श्रेणी ===> नाडु
कार/विष्टि ===> परगना
स्त्रीधन ===> बंगाल वैष्णव धर्म
स्मारक प्रस्तर ===> अल्प वर्षा
अग्रहार ===> शाहना-इ-मण्डी
खिलाफत ===>वणिकत्ववाद
सुलह-इ-कुल ===>आर्थिक राष्ट्रीयता
महाराष्ट्र-जर्म===>भारतीय पुनर्जागरण
तुर्का-इ-नहलबनी ===>आर्थिक निष्कासन
वतन ===>उपनिवेशवाद
परमोच्च शक्ति ===>सम्प्रदायवाद
द्धैधशासन (द्विशासन) ===> प्राच्यवाद
संधवाद ===> अ-औद्योगीकरण
उपयोगितावाद ===>सहायक सन्धि (मैत्री)
फिल्टर सिद्धांत ===>शुभसंदेशवाद
अग्रवर्ती नीति ===> भूदान
राज्यलोप नीति ===> पंचशील
सत्याग्रह ===>मिश्रित अर्थव्यवस्था
स्वदेशी ===>भारतीय वामपक्ष
पुनःप्रवर्तनवाद ===>हिन्दू कोड बिल

2. प्राचीन भारतीय इतिहास

स्त्रोत:

पुरातत्वीय स्रोत: खोज उत्खनन, पुरालेखविधा, मुद्राशास्त्र, स्मारक
साहित्यिक स्रोत
स्वदेशी: प्राथमिक तथा गौण: काल-निर्धारण की समस्याएॅं, मिथक, आख्यान, काव्य, वैज्ञानिक साहित्य, क्ष्ेात्रीय भाषाओं में साहित्य, धार्मिक साहित्य।
प्रागैतिहास तथा आद्य इतिहास
मानव तथा पर्यावरण: भौगोलिक कारक, आखेट तथा संग्रह (पुरापाषाण तथा मध्यपाशाण)ः कृषि का प्रारम्भ (नव-पाषाण तथा ताम्र-पाषाण)
सिन्धु घाटी की सभ्यता: उद्रम, तारीख, विस्तार, लक्षण, पतन, उत्तरजीविता (अवशेष) तथा महत्व। लौह युगः द्वितीय शहरीकरण।
वैदिक काल
प्रवास तथा बस्तियाॅं; वैदिक काल-निर्धारण, साहित्यिक तथा पुरातत्वीय साक्ष्य; सामाजिक तथा राजनीतिक संस्थाओं का विकास; धार्मिक तथा दार्शनिक विचार, अनुष्ठान तथा पद्धतियाॅं।
महाजनपद काल: राज्यों (महाजनपद ) का निर्माण; गणराज्य तथा राजतंत्र; शहरी केन्द्रों का उदय; व्यापार-मार्ग; आर्थिक संवृद्धि; सिक्कों का प्रचलन; जैन धर्म ओैर बौद्व धर्म का विस्तार (फैलना); मगध तथा नन्दों का उदय। ईरान तथा मेसेडोनीया के आक्रमण और उनका प्रभाव।
मौर्य साम्राज्य: मौर्य साम्राज्य की स्थापना, चन्द्रगुप्त, कौटिल्य तथा अर्थशास्त्र; अषोक; धर्म की संकल्पना; राजादेश; ब्राह्म तथा खरोष्ठी लिपियाॅं।
प्रशासन; अर्थव्यवस्था; वास्तुकला तथा मूर्तिकला; बाहरी सम्पर्क।
साम्राज्य का विघटन; शुंग तथा कण्व।
मौर्योत्तर काल (भारत-ग्रीक, शक, कुषाण, पश्चिमी क्षत्रप)
बाहरी दुनियाॅं से सम्पर्क; शहरी केन्द्रों का विकास; अर्थव्यवस्था, सिक्का, धर्मों का विकास, महायान, सामाजिक दशाएॅं, कला तथा वास्तुकला, साहित्य तथा विज्ञान।
राज्य तथा समाज की प्रारम्भिक स्थिति-पूर्वी भारत, दक्कन तथा दक्षिण भारत में
खारवेल, सातवाहन, संगम युग के तमिल राज्य, प्रशासन, अर्थव्यवस्था, भू-प्रदान, सिक्के, व्यापार संघ तथा शहरी केन्द्र, बौद्व केन्द्र, संगम साहित्य तथा संस्कृति; कला तथा वास्तुकला। गुप्त सम्राट तथा भारत के क्षेत्रीय राज्य
गुप्त और वाकटक, हर्ष, प्रशासन, आर्थिक स्थिति, गुप्त सम्राटों के सिक्के; भू-प्रदान, शहरी केन्द्रों का पतन, भारतीय सामन्तवाद, जातिप्रथा; महिलाओं की स्थिति, शिक्षा तथा शैक्षिक संस्थाएॅं- नालंदा, विक्रमशिला और वल्लभी, पड़ोसी देशों से सम्पर्क- मध्य एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया तथा चीन, संस्कृत साहित्य, वैज्ञानिक साहित्य, कला तथा वातुकला। कदम्ब, गंग, पल्लव और बदामी के चालुक्य- प्रशासन, व्यापार संघ, संस्कृत साहित्य तथा क्षेत्रीय भाषाओं और लिपियों का विकास; वैष्णव और शैव धर्मों का विकास, तमिल भक्ति आन्दोलन; शंकराचार्य-वेदान्त, मन्दिर तथा मन्दिर वास्तुकला की संस्थाएॅं।
कामरूप के वर्मन; पाल और सेन, राष्ट्रकूट, प्रतिहार, कलचुरी के चेदि; परमार; गुजरात के चालुक्य; अरब के साथ, संबंध ; गजनवी विजय, अल्बरूनी। कल्याण के चालुक्य, चोल, चेर, होसला पांड्य: प्रशासन तथा स्थानीय सरकार, कला तथा वास्तुकला का विकास, धार्मिक पंथ (सम्प्रदाय ), मन्दिर और मठ संस्था, अग्रहार, षिक्षा तथा साहित्य, अर्थव्यवस्था तथा समाज, श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व एशिया से सम्पर्क।

3. मध्यकालीन भारतीय इतिहास

स्त्रोत:

पुरातत्व, पुरालेख और सिक्काशास्त्र सम्बन्धित सामग्री और स्मारक।
इतिवृत्त।
साहित्यिक स्रोत-फारसी, संस्कृत और क्षेत्रीय भाषाएॅं।
पुरालेख सामग्री।
विदेशी यात्री वृत्तांत।
राजनीतिक विकास
सल्तनत-गोरी, तुर्क, खलजी, तुगलक, सैयद और लोदी।
मुगल साम्राज्य की नींव-बाबर, हुमायॅंू और सूरी; अकबर से औरंगजेब तक राज्य विस्तार।
मुगल साम्राज्य का पतन-राजनीतिक, प्रशासनिक और आर्थिक कारण।
बाद के मुगल और मुगल साम्राज्य का विघटन।
विजयनगर और बहमनी राज्य-उत्थान, विस्तार और विघटन।
मराठा आन्दोलन, शिवाजी द्वारा स्वराज्य की नींव; पेशवाओं के अधीन इसका विस्तार; मराठा राज्यमंडल- पतन के कारण।
प्रशासन
सल्तनत के अधीन प्रशासनः असैनिक, न्यायिक, राजस्व, राजकोषीय और सैनिक।
शेरशाह के प्रशासनिक सुधार; मुगल प्रशासनः भू-राजस्व और आय के अन्य स्रोत मनसबदारी और जागीरदारी।
दक्कन में प्रशासन पद्धति-विजयनगर, बहमनी राज्य और मराठा।
आर्थिक पक्ष
कृषि उत्पादन-ग्रामीण अर्थव्यवस्था; कृषक वर्ग
शहरी केन्द्र और जनसंख्या।
उद्योग-सूती वस्त्र उद्योग, हस्तशिल्प, कृषि-आधारित उद्योग; संगठन, कारखाना, प्रौद्योगिकी।
व्यापार और वाणिज्य-राज्य की नीतियाॅं, आन्तरिक और ब्राह्म व्यापार; यूरोपीय, व्यापार, व्यापार केन्द्र और पतन, परिवहन और संचार।
वित्तीय व्यापार, वाणिज्य और उद्योग; हुण्डी (विनिमय पत्र) और बीमा।
मुद्रा।
सामाजिक-धार्मिक आन्दोलन
सूफी-उनके धार्मिक संघ, विश्वास और पद्धतियाॅं, प्रख्यात सूफी संत।
भक्ति-उनके धार्मिक संघ, विश्वास और पद्धितयाॅं, प्रख्यात सूफी संत।
भक्ति सम्प्रदाय-शैववाद और उसकी शाखाएॅं; वैष्णववाद और उसकी शाखाएॅं।
मध्यकालीन संत- उत्तर और दक्षिण-उनका सामाजिक-राजनीतिक और धार्मिक जीवन पर प्रभाव।
सिख आन्दोलन- गुरु नानक देव और उनके उपदेश और साधना; आदि ग्रंथ; खालसा।
समाज
वर्गीकरण-शासक वर्ग, प्रमुख धार्मिक वर्ग, व्यापारी और व्यावसायिक वर्ग।
ग्रामीण समाज-छोटे सामंत, ग्राम कर्मचारी, कृषक और गैर कृषक वर्ग, शिल्पकार।
महिलाओं की स्थिति।
सांस्कृतिक जीवन
शैक्षिक पद्धति और उसकी अभिप्रेरणा।
साहित्य-फारसी, संस्कृत और क्षेत्रीय भाषाएॅं।
ललित कलाएॅं-चित्रकारी के प्रमुख स्कूल; संगीत।
उत्तर और दक्षिण भारत का वास्तुपरक विकास; भारतीय इस्लामिक वास्तुकला।

4. आधुनिक भारतीय इतिहास

स्त्रोत तथा इतिहासशास्त्र
पुरालेखी सामग्री, जीवनी तथा संस्मरण, समाचार -पत्र।
मौखिक साक्ष्य, सृजनात्मक साहित्य तथा चित्रकला।
आधुनिक भारतीय इतिहासशास्त्र की समस्याएॅं-साम्राज्यवादी,राष्ट्रवादी तथा मध्यवर्ती।
ब्रिटिश शक्ति का उदय
17वीं और 18वीं शताब्दियों में भारत में यूरोपीय व्यापारी-पुर्तगाली, डच, फ्रांसीसी तथा ब्रिटिश। भारत में ब्रिटिश शासन की स्थापना तथा विस्तार।
भारत की प्रमुख शक्तियों के साथ ब्रिटिश संबंध और उनका आधुनिकीकरण-बंगाल, अवध, हैदराबाद, मैसूर, मराठा तथा सिख।
कम्पनी तथा राजा (क्राउन ) का प्रशासन
ईस्ट इंडिया कम्पनी के अधीन मध्य तथा प्रान्तीय ढाॅंचे का विकास, 1773-1853
कम्पनी तथा क्राउन के अधीन परमोच्च शक्ति, सिविल सेवा, न्यायिक, पुलिस सेवा तथा सेना।
स्थानीय स्वशासन
संवैधानिक परिवर्तन, 1909-1935
आर्थिक इतिहास
व्यापार का बदलता हुआ संघटन, व्यापार का आयाम तथा दिशा, ‘दि ट्रिब्यूट’।
कृषि का विस्तार तथा वाणिज्यीकरण, भूमि संबंधी अधिकार, भूमि बंदोबस्त, ग्रामीण ऋण ग्रस्तता, भूमिहीन मजदूर।
उद्योगों का पतनः कारीगरों की बदलती हुई सामाजिक-आर्थिक दशाएॅं; अशहरीकरण।
औद्योगिक नीतिः प्रमुख आधुनिक उद्योग; फैक्टरी कानून का स्वरूप; श्रमिक तथा मजदूर संघ के आन्दोलन।
मौद्रिक नीति; बैकिंग; मुद्रा तथा विनिमय; रेलवे तथा सड़क परिवहन।
नए शहरी केन्द्रों का विकास; शहर आयोजन तथा वास्तुकला की नई विशेषताएॅं।
दुर्भिक्ष तथा महामारी और सरकार की नीति।
आर्थिक विचार: इंग्लिश उपयोगितावादी; भारतीय आर्थिक इतिहासकार; निकास सिद्धांत।

संक्रमणाधीन भारतीय समाज
ईसाई धर्म से सम्पर्क: मिशन; भारतीय सामाजिक तथा आर्थिक पद्धतियों एवं धार्मिक विश्वासों की समीक्षा; शैक्षणिक तथा अन्य गतिविधियाॅं।
नई शिक्ष- सरकारी नीति; स्तर तथा विषय; अंग्रेजी भाषा; आधुनिक विज्ञान; शिक्षा में भारतीय पहल। राजा राममोहन राय; सामाजिक-धार्मिक सुधार; मध्यवर्ग का उदय; जाति संघ तथा जाति गतिशीलता। महिलाओं का प्रश्न-राष्ट्रवादी कथन: महिला संगठन; महिलाओं से संबंधित ब्रिटिश कानून; सांविधानिक स्थिति।
मुद्रणालय (प्रिंटिग प्रेस )-पत्रकारिता संबंधी गतिविधि तथा जनमत। भारतीय भाषाओं तथा साहित्यिक रूपों का आधुनिकीकरण: चित्रकला का पुनर्विन्यास, संगीत तथा प्रदर्शन कलाएॅं।
राष्ट्रीय आंदोलन
भारतीय राष्ट्रीयता का उदय; राष्ट्रीयता के सामाजिक तथा आर्थिक आधार।
1857 का विद्रोह तथा भिन्न-भिन्न सामाजिक वर्ग।
जनजातीय तथा किसान आंदोलन।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की विचारधारा तथा कार्यक्रम, 1885-1920
स्वदेशी आंदोलन की प्रवृत्तियाॅं।
भारत तथा विदेश में भारतीय क्रान्तिकारियों की विचारधारा एवं कार्यक्रम।
गाॅंधी जन-आंदोलन।
जस्टिस पार्टी (न्याय दल ) की विचारधारा तथा कार्यक्रम।
वामपंथी राजनीति।
दलित वर्ग का आंदोलन।
साम्प्रदायिक राजनीति तथा पाकिस्तान का उöव।
स्वाधीनता तथा विभाजन की ओर
स्वातंत्र्योत्तर भारत (1947-1964 )
विभाजन के बाद पुनर्वास।
भारतीय राज्यों का एकीकरण: कश्मीर का प्रश्न।
भारतीय संविधान का निर्माण। नौकरशाही तथा पुलिस का ढाॅंचा। जनांकिकीय प्रवृत्तियाॅं। आर्थिक नीतियाॅं तथा योजना प्रक्रिया। राज्यों का भाषावैज्ञानिक पुनर्गठन। विदेश नीति संबंधी पहल कार्य।

संसार के इतिहासः संकल्पनाएॅं, विचार तथा अवधियाॅं

इतिहास पूर्व राष्ट्रराज्य दफनाने की प्रथाएॅं पुनर्जागरण मदर-गोडेस धर्म-सुधार विधि संहिताएॅं (लाॅ कोड) डार्विनवाद एथेन्सी लोकतंत्र विश्वव्यापी मंदी (1929) रोम साम्राज्य नारी अधिकारवाद दासता तटस्थता अभिजात-तंत्र संसदीय लोकतंत्र कन्फ्यूशियनवाद नाजीवाद जमीदारी प्रथा राष्ट्रमंडल ब्लैक डेथ स्रामाज्यवाद सामंतवाद समाजंवाद मानवतावाद शक्ति संतुलन प्रबुद्ध स्वेच्छाचारिता रंगभेद दैवी अधिकार मानव के अधिकार चर्च की सर्वोच्चता शीत युद्ध पवित्र रोमन साम्राज्य पश्च-आधुनिकतावाद सामाजिक अनुबंध तथा सामान्य इच्छा

इतिहास में अनुसंधान

इतिहास के क्षेत्र तथा मूल्य इतिहास में वस्तुनिष्ठाता तथा अभिनति इतिहास और इसके सहायक विज्ञान अनुसंधान का क्षेत्र-प्रस्तावित। अनुसंधान के प्रस्तावित क्षेत्र में स्रोत-प्राथमिक/ द्वितीयक अनंुसंधान के अनुसंधानकारी क्षेत्र में आधुनिक इतिहास लेखन।

प्रश्न -पत्र- III (ए) (कोर विभाग )

इकाई-I सैन्धव सभ्यता से महाजनपद काल तक

सैन्धव सभ्यता का काल, विस्तार एवं लक्षण वैदिक संस्कृति-पूर्व एवं उत्तर-भूगोल: सामाजिक एवं राजनैतिक संस्थाएॅं, आर्थिक स्थिति, धार्मिक एवं दार्शनिक विचार महाजनपद, गणराज्य, आार्थिक अभिवृद्धि-जैन एवं बौद्ध धर्म का उदय-मगध का अभ्युदय-मेसेडोनीया के आक्रमण और उसका प्रभाव।

इकाई-II चैथी शताब्दी ई. पू. से तृतीय शताब्दी ईसवीं तक भारत का इतिहास

मौर्य साम्राज्य की स्थापना: चन्द्रगुप्त, अशोक एवं उसका धम्म, मौर्य प्रशासन, अर्थव्यवस्था, कला एवं स्थापत्य, मौर्य साम्राज्य का विघटन संगम युग शंुग, सातवाहन एवं कुषाण: प्रशासन, धर्म, समाज, अर्थव्यवस्था, व्यापार एवं वाणिज्य, संस्कृति-कला एवं स्थापत्य, साहित्य।

इकाई-III चैथी से बारहवीं शताब्दी तक भारत

गुप्त-वाकाटक युग, हर्ष-पल्लव, प्रारम्भिक चालुक्य, राष्ट्रकूट, चोल, प्रतीहार, पाल; परमार, कलचुरि, गहडवाल एवं चैहानों का संक्षिप्त इतिहास, प्रशासन सामन्तवाद, समाज, स्त्रियों की स्थिति, शिक्षा केन्द्र, अर्थव्यवस्था धार्मिक प्रवृत्तियाॅं, मन्दिर-स्थापत्य की शैलियाॅं, कला, साहित्य, वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिक विकास का संक्षिप्त विवरण बाह्य जगत् से भारतीय सम्पर्क।

इकाई-IV भारत 1206 से 1526 तक

विस्तार और संगठन- गोरी, तुर्क, खिल्जी; तुगलक; सैय्यद और लोदी विजयनगर और बहमनी साम्राज्य राज्य और धर्म-प्रभुसत्ता की अवधारणा, धार्मिक आन्दोलन और सूफीमत आर्थिक पक्ष-शहरी केन्द्र, उद्योग, व्यापार और वाणिज्य, भू-राजस्व और कीमतें मंगोल समस्या और उसका प्रभाव प्रशासकीय संरचना कला, स्थापत्य कला और साहित्य स्रोत-पुरातात्विक, फारसी और गैर-फारसी साहित्य, विदेशी यात्री-वृत्तान्त।

इकाई-V भारत 1526 के बाद

मुगल काल के स्त्रोत मुगल विस्तार और संगठन: बाबर द्वारा भारत में मुगल राज्य की स्थापना; हुमायूॅं और सूर; अकबर, जहाॅंगीर, शाहजहाॅं और औरंगजेब मुगलों के अमीर तथा राजपूतों से संबंध जहाॅंगीर-स्थिरता तथा विस्तार का काल 1611-1621; संकट का काल 1622-1627-नूरजहाॅं जंुट मुगल साम्राज्य का पतन: राजनीतिक, प्रशासनिक और आर्थिक कारण मराठा आन्दोलन, शिवाजी द्वारा स्वराज्य की स्थपना-उसका विस्तार और प्रशासन, मराठा संघ और उसके पतन का कारण प्रशासन: शेरशाह के प्रशासनिक सुधार, मुगल प्रशासन, भू-राजस्व और आय के अन्य स्रोत, मनसबदारी और जागीरदारी।

इकाई-VI मुगलों के अन्तर्गत सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृति जीवन

ग्रामीण समाज और अर्थव्यवस्था कला, स्थापत्य कला और साहित्य व्यापार और वाणिज्य अकबर से औरंगजेब तक धार्मिक नीति शहरी केन्द्र और उद्योग मुद्रा महिलाओं की स्थिति।

इकाई-VII ब्रिटिश राज की स्थापना

यूरोपीय शक्तियों का उदय-ब्रिटिश सत्ता का विस्तार एवं संगठन प्रमुख भारतीय शक्तियों-बंगाल, अवध, हैदराबाद, मैसूर, मराठा और सिख के साथ ब्रिटिश संबंध ईस्ट इंडिया कम्पनी एवं क्राउन के अधीन प्रशासन, परमोच्च शक्ति, सिविल सेवा, न्यायिक, पुलिस सेवा तथा सेना स्थानीय स्वशासन, संवैधानिक विकास 1909 से 1935

इकाई-VIII आर्थिक एवं सामाजिक नीतियाॅं

कृषि संबंधी ब्रिटिश नीति, भू-राजस्व, कृषि एवं भूमि संबंधी अधिकार, अकाल नीति, ग्रामीण ऋणग्रस्तता व्यापार एवं उद्योग नीति, मजदूरों की दशा, मजदूर संघ के आन्दोलन, फैक्टरी कानून, बैंकिंग, परिवहन, विकास सिद्धांत संक्रमणाधीन भारतीय समाज, ईसाई मिशन, सामाजिक-धार्मिक सुधार आन्दोलन, स्त्रियों की स्थिति, नवीन शिक्षण नीति, अंग्रेजी भाषा, आधुनिक विज्ञान, पत्रकारिता, भारतीय भाषाएॅं एवं साहित्य।

इकाई-IX राष्ट्रीय आंदोलन एवं स्वातंत्र्योत्तर भारत

राष्ट्रवाद का उदय, 1857 का विद्रोह, जनजातीय एवं कृषक आंदोलन, भारतीय राष्ट्रीय कांगे्रस की विचारधारा एवं कार्यक्रम, स्वदेशी आन्दोलन, भारतीय क्रान्तिकारी आंदोलन भारत एवं विदेश में गाॅंधीवादी जन आंदोलन, जस्टिस पार्टी की विचारधारा एवं कार्यक्रम, वामपंथी राजनीति, दलित वर्ग का आंदोलन, पाकिस्तान का उöव, भारत स्वतंत्रता एवं विभाजन की ओर स्वातंत्र्योत्तर भारत, विभाजन के बाद पुनर्वास, भरतीय रियासतों का विलय, कश्मीर प्रश्न भारतीय संविधान का निर्माण, नौकरशाही एवं पुलिस का ढाॅंचा, आर्थिक नीतियाॅं एवं योजना प्रक्रिया, राज्यों का भाषायी पुनर्गठन, विदेशी नीति संबंधी पहल कार्य

इकाई-X (ए) विश्व इतिहास-संकल्पनाएॅं, विचार तथा अवधियाॅं

पुनर्जागरण, धर्मसुधार प्रबुद्धतावाद, मानव के अधिकार नस्लवाद साम्राज्यवाद समाजवाद नाजीवाद संसदीय लोकतंत्र राष्ट्रमंडल विश्वशान्ति के प्रयास, शीत युद्ध उत्तर-आधुनिकवाद।

इकाई-X (बी) इतिहास में अनुसंधान

इतिहास का क्षेत्र एवं महत्व इतिहास में वस्तुनिष्ठता एवं पक्षपात इतिहास में कारण इतिहास और उसके सहायक विज्ञान क्षेत्रीय इतिहास का महत्व भारतीय इतिहास की हाल की प्रवृत्तियाॅं शोधविधि अनुसंधान का प्रस्तावित क्षेत्र अनुसंधान के प्रस्तावित क्षेत्र में स्रोत-प्राथमिक/द्वितीयक अनुसंधान के प्रस्तावित क्षेत्र में आधुनिक इतिहास लेखन।

प्रश्न पत्र- III(बी)(ऐच्छिक/ वैकल्पिक )

ऐच्छिक- II: प्राचीन भारतीय इतिहास

भारत की प्रस्तर युगीन संस्कृतियाॅं सैन्धव घाटी सभ्यता की उत्पत्ति, तिथि, विस्तार एवं लक्षण वैदिक काल में सामाजिक एवं राजनैतिक संस्थाओं का विकास छठवीं शताब्दी ई.पू. में आर्थिक तथा धार्मिक विकास मौर्य इतिहास के स्रोत: मेगस्थनीज, कौटिल्य, अशोक के लेख और सिंहली वंश साहित्य दूसरी शताब्दी ई.पू. से तीसरी शताब्दी ईसवीं तक अर्थव्यवस्था एवं व्यापार, कला,-शैलियाॅं, स्तूप एवं चैत्य स्थापत्य का विकास गुप्त काल का मूल्यांकन प्राचीन भारतीय गणराज्य-भारत में स्वायत्तशासन का इतिहास भारतीय सामंतवाद प्राचीन काल में बाह्य जगत् से भारतीय सम्पर्क धर्म एवं दर्शन के क्षेत्र में शंकर एवं रामानुज का अवदान

ऐच्छिक- II: मध्यकालीन भारतीय इतिहास

मध्यकालीन भारतीय इतिहास के स्रोत मुगलों की उत्तरी-पश्चिमी सीमा तथा दक्षिण नीति मध्यकाल में समाज और अर्थव्यवस्था मध्यकाल में धर्म, कला, स्थापत्य कला और साहित्य मध्यकाल में शहरी अर्थव्यवस्था, व्यापार और वाणिज्य मुगलों की विरासत अðारहवीं शताब्दी विवाद क्षेत्रीय इतिहास का महत्व।

ऐच्छिक-II: आधुनिक भारतीय इतिहास

भारत मंे ब्रिटिश राज की स्थापना एवं विस्तार 1858 से 1935 तक संवैधानिक विकास ब्रिटिशों की कृषि संबंधी नीति ब्रिटिशों द्वारा अपनाए गए राहत कार्य ब्रिटिर्शो के अधीन शिक्षा एवं सामाजिक सुधार उन्नीसवीं शताब्दी के सामाजिक -धार्मिक सुधार आन्दोलन राष्ट्रवाद का उदय और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस गाॅंधीवादी युग स्वाधीनता एवं विभाजन की ओर भारतीय संविधान का निर्माण एवं उसकी कार्यशैली।

नमूने के प्रश्न प्रश्न पत्र - II

1. निम्नलिखित में से किसने आगरा में मोती मस्जिद का निर्माण कराया था ?
(ए) अकबर
(बी) जहाॅंगीर
(सी) शाहजहाॅं
(डी) औरंगजेब।
2. सूची-प् को सूची-प्प् के साथ सुमेलित करें तथा नीचे दिए गए कूटों की मदद से सही उत्तर का चयन करें:
सूची-I सूची-II
(ग्रंथकार ) (प्रोत्साहक )
(ए) बाणभट्ट 1. हर्ष
(बी) हेमाद्रि 2. गोविन्द चन्द्र
(सी) लक्ष्मीधर 3. महादेव
(डी) राजशेखर 4. महेन्द्र पाल.
कूट:
(ए) अ इ ब क
1 2 3 4
(बी) अ इ ब क
2 1 4 3
(सी) अ इ ब क
4 2 3 1
(डी) अ इ ब क
3 4 1 2

प्रश्न पत्र- II (ए)

1 हड़प्पा सभ्यता का काल-निर्धारण करें।
अथवा
अलाउद्दीन खिलजी की मूल्य नियंत्रण नीति का मूल्यांकन करें।

प्रश्न पत्र- II (बी)

11 मौर्य कालीन कला की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन करें। क्या आप इस पर कोई विदेशी प्रभाव देखते हैं ?
अथवा
1857 के विद्रोह के कारणों की चर्चा करें। क्या यह एक व्यापक आन्दोलन था?
विषय - भारतीय इतिहास कोड - 50 ---->>>>

टिप्पणी

पाठयक्रम में दो प्रष्न-पत्र होंगें। प्रष्न-पत्र - II तथा प्रष्न-पत्र - II(भाग-ए तथा बी )। प्रष्न-पत्र-प्प् में 50 बहु विकल्पी प्रष्न (बहु-विकल्पी टाइप, सुमेलित टाइप, सत्य/असत्य, कथन कारण टाइप) होंगे, जिनके अंक 100 होंगे। प्रष्न-पत्र - II के दो खण्ड -ए और बी होंगे । प्रष्न-पत्र - II (ए) में लघु निबन्ध प्रकार के 10 प्रष्न (300 षब्दों का) होंगे जिनमें प्रत्येक प्रष्न 16 अंकों का होगा। इनमें प्रत्येक इकाई से एक प्रष्न आन्तरिक विकल्प होंगे (10 प्रष्न, 10 इकाई से; कुल अंक 160 होंगे)। प्रष्न-पत्र - II (बी) अनिवार्य होगा, जिसमें ऐच्छिक विषयों में से एक-एक प्रष्न होंगे। परीक्षार्थी को केवल एक प्रष्न (एक ऐच्छिक केवल 800 षब्दों के) करना होगा जिसका अंक 40 होगा। प्रष्न-पत्र - II के कुल अंक 200 होंगे। प्रष्न-पत्र - II

1. स्त्रोत

पुरातत्व साहित्य विदेषी विवरण

2. भारत में प्रारम्भिक मानव बस्तियाॅं

प्रागैतिहासिक एवं आद्यैतिहासिक संस्कृतियाॅं, भारत के मुख्य भाषा- परिवारों का उद्भव-भारोपीय, द्रविड़ तथा अन्य। सिन्धु-घाटी सभ्यता-प्रमुख विषेषताएॅं। वैदिक संस्कृति वेद तथा वेदांग, राजनैतिक संस्थाएॅं, सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति, धार्मिक अनुष्ठान तथा विचार।

3. धार्मिक आन्दोलन एवं मौर्य साम्राज्य का युग

धार्मिक, सामाजिक एवं आर्थिक दषा, राजनैतिक संस्थाएॅं, मौर्य युगीन संस्कृति, राज्य व्यवस्था, अर्थव्यवस्था, कला तथा स्थापत्य, अषोक-उसके अभिलेख और धर्म। संगम युग - साहित्य, समाज, अर्थ व्यवस्था।

4. षुंग, सातवाहन एवं कुषाण युग

कला, साहित्य एवं धर्म में नई प्रवृतियाॅं, स्तूप एवं षैलोत्कीर्ण, स्थापत्य, मूर्तिकला, अर्थव्यवस्था, सिक्के, नागरीय केन्द्रों का उदय मार्ग, व्यापार एवं वाणिज्य, सामाजिक जीवन एवं विचार, साहित्य, धर्मषास्त्र, नाट्यषास्त्र, कामसूत्र, आयुर्वेद, पंचतं़त्र, धार्मिक सम्प्रदाय और मत-हिन्दू,बौद्ध एवं जैन।

5. गुप्त, वाकाटक एवं पल्लव युग

साहित्य, षिक्षा और विज्ञान, धर्म, समाज, राज्य व्यवस्था, अर्थव्यवस्था, स्थापत्य, मूर्तिकला एवं चित्रकला, विदेषों से सांस्कृतिक सम्बन्ध।

6. पूर्व-मध्य काल

परिनिष्ठित विचारों एवं प्रतिमानों का दाय तथा भारतीय समाज एवं चिन्तन में नई प्रवृतियों का विकास, मन्दिर षैलियाॅ-नागर, वेसर और द्रविड़ वेदान्त-षंकर, रामानुज, भक्ति, पौराणिक धर्म, तंत्र, साहित्य, समाज, राज्य व्यवस्था, सामन्तवाद। भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्धों का पल्लवन, भारत में इस्लाम, अल्बरूनी का भारत वर्णन।

7. सल्तनत काल

हिन्द-इस्लामी स्थापत्य, क्षे़त्रीय षैलियाॅं, धार्मिक और दार्षनिक विकास, भारतीय समाज और संस्कृति पर इस्लाम का प्रभाव, भारतीय मानक ग्रन्थों में मुस्लिम रूचि; आचार्य परम्परा; भक्ति, भारत में सूफी धर्म; साहित्यिक विकास संस्कृत, फारसी एवं क्षेत्रीय भाषाएॅं, विजय नगर साम्राज्य का सांस्कृतिक अवदान।

8. मुगलों का भारत

सामाजिक स्थिति; अकबर और उसकी नीतियाॅं, फारसी साहित्य, अबुल फजल, दारा शिकोह, वैष्णव भक्ति का विकास, सिख धर्म, मुगल स्थापत्य और चित्रकला, चित्रकला की क्षेत्रीय शैलियाॅं, भारतीय मार्गी संगीत और मुगल-पूर्व युगीन परम्पराएॅं, हिन्दी और उर्दू साहित्य का विकास, सवाई जयसिंह का खगोल शास्त्रीय अवदान। ईसाई मत का आगमन और प्रसार, भारत की यूरोपीय अध्ययन-विलियम जोन्स और फोर्ट विलियम काॅलेज, एशियाटिक सोसायटी; ईसाई धर्म प्रचारकों का प्रभाव।

9. पश्चिमी विचारों का प्रभाव एवं भारतीय अनुक्रिया

भारतीय शिक्षा एवं पत्रकारिता, बंगाल का पुनर्जागरण; बंगाल तथा अन्य क्षेत्रों में सुधार आन्दोलन-स्त्री, शिक्षा और सामाजिक कु-रीतियाॅं, समाज सुधार हेतु प्रशासकीय उपाय (1828-1857) भारतीय राष्ट्रीयता-उत्पत्ति, प्रमुख विशेषताएॅं और उसकी सांस्कृतिक अभिव्यक्ति-साहित्य, कला और शिक्षा के विशेष सन्दर्भ में, गाॅंधीवादी विचारधारा, स्वतंत्रता के पश्चात् भारतीय संस्कृति परम्परा एवं आधुनिकता।

10. भारतीय संस्कृति के अध्ययन

भारतीय गौरव ग्रंथ-वस्तुनिष्ठता और अभिनति; सहायक विषयों से सम्बन्ध; भारतीय संस्कृति पर आधुनिक लेखन; भारत की धरोहर और विश्व का भारतीय संस्कृति के प्रति ऋण।

प्रश्न-पत्र - II (ए) (कोर विभाग)

इकाई - 1

संस्कृति का अभिप्राय एवं प्रक्रिया; स्त्रोत-पुरातत्व, साहित्य, विदेशी विवरण।

इकाई - 2

भारत में प्रारम्भिक मानव बस्तियाॅं-प्राग् एवं आद्य-ऐतिहासिक संस्कृतियाॅं, सैंधव सभ्यता-उत्पत्ति, विस्तार, तिथि, कला, स्थापत्य, धर्म, समाज, अर्थव्यवस्था; वैदिक संस्कृति-धर्म, समाज, राजतंत्र, अर्थव्यवस्था; उत्तर वैदिक काल में परिवर्तन।

इकाई - 3

ई.पू. छठवीं-पाॅंचवीं शताब्दी में धार्मिक आन्दोलन, बौद्ध धर्म एवं जैन धर्म के विशेष सन्दर्भ में; सामाजिक एवं आर्थिक परिवर्तन; पारसी एवं यूनानी आक्रमणों का प्रभाव, भारतीय सांस्कृतिक एकीकरण में मौर्य साम्राज्य की भूमिका; अशोक-उसकी राजाज्ञायें एवं धर्म; मौर्य कला, राजतंत्र एवं अर्थव्यवस्था; संगम युग-समाज एवं अर्थव्यवस्था।

इकाई - 4

शुुंग-सातवाहन-कुषाण युग में सांस्कृतिक संस्थिति-कला, साहित्य एवं धर्म मंे नवीन प्रवृत्तियाॅं; स्तूप, शैलोत्कीर्ण स्थापत्य, मूर्तिकला; धर्मशास्त्र, नाट्यशास्त्र, कामसू़त्र, पंचतंत्र, आयुर्वेद; धार्मिक मत एवं सम्प्रदाय-हिन्दू, बौद्ध एवं जैन।

इकाई - 5

गुप्त-वाकाटक-पल्लव युग में विकास-साहित्य, शिक्षा, विज्ञान, धर्म, समाज, राजतंत्र, अर्थव्यवस्था, स्थापत्य, मूर्तिकला, चित्रकला; बाह्य जगत् से सांस्कृतिक सम्बन्ध।

इकाई - 6

परिनिष्ठित विचारों एवं प्रतिमानों का दाय तथा पूर्व मध्यकाल में भारतीय समाज एवं चिन्तन में नवीन प्रवृत्तियों का विकास; वेदान्त-शंकर, रामानुज, भक्ति, तंत्र, आलवर, नयनार, मन्दिर शैलियाॅं-नागर, वेसर, द्रविड़ साहित्य, समाज, राजतंत्र, सामन्तवाद; भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्धों का पल्लवन, भारत में इस्लाम; अल्बरूनी का भारत वर्णन।

इकाई - 7

सल्तनत काल में हिन्द-इस्लामिक स्थापत्य, क्षेत्रीय शैलियाॅं, धार्मिक एवं दार्शनिक विकास-भक्ति एवं आचार्य परम्पराएॅं, भारत में सूफी धर्म, भारतीय समाज एवं संस्कृति पर इस्लामी प्रभाव, भारतीय मानक ग्रंथों में मुस्लिमों की रूचि; साहित्यिक विकास, संस्कृत, फारसी एवं आंचलिक भाषाएॅं, विजयनगर साम्राज्य के सांस्कृतिक अवदान।

इकाई - 8

मुगल भारत में नवीन सांस्कृतिक प्रवृत्तियाॅं, धार्मिक उदारवाद-अकबर, अबुल फजल, दारा शिकोह, वैष्णव भक्ति का विकास; सिक्ख पंथ की स्थापना से खालसा संस्था तक; मुगल स्थापत्य एवं चित्रकला, आंचलिक शैलियाॅं, मुगल पूर्व की परम्पराओं को सम्मिलित करते हुए भारतीय मार्गी संगीत, हिन्दी एवं उर्दू साहित्य का विकास; सवाई जयसिंह के खगोल शास्त्रीय अवदान; ईसाई धर्म का आगमन एवं प्रसार, यूरोप वालों के भारत विषयक अध्ययन-विलियम जोन्स एवं फोर्ट विलियम काॅलेज, एशियाटिक सोसायटी आॅफ बंगाल, ईसाई धर्म प्रचारकों का प्रभाव।

इकाई - 9

पाश्चात्य विचारों का आगमन एवं भारतीय अनुक्रिया, अंग्रेजी शिक्षा एवं पत्रकारिता; बंगाली पुनर्जागरण; बंगाल एवं अन्य अंचलों में सुधार आन्दोलन, सामाजिक सुधारों के लिए प्रशासकीय उपाय (1828-1857), भारतीय सुधारक-राजा राम मोहन राय, ईश्वर चन्द्र विद्यासागर, केशव चन्द्र सेन, महागोविन्द रानाडे, ज्योतिबा फुले, दयानन्द सरस्वती, विवेकानन्द सैयद अहमद खाॅं, भारतीय राष्ट्रीयता-उदय, प्रमुख लक्षण तथा साहित्य, कला एवं शिक्षा में उसकी सांस्कृतिक अभिव्यक्ति गाॅंधीवादी विचारधारा-परम्परा एवं आधुनिकता।

इकाई - 10

भारतीय गौरव ग्रंथ, भारतीय संस्कृति के अध्ययन, वस्तुनिष्ठता एवं अभिनति; सहायक विषयों से सम्बन्ध; शोध का क्षेत्र, प्राथमिक एवं गौण स्त्रोत; भारत की धरोहर; विश्व का भारतीय संस्कृति के प्रति ऋण।

प्रश्न-पत्र - II (बी)(ऐच्छिक/वैकल्पिक)

ऐच्छिक - 1

वैदिक धर्म-पूर्व एवं उत्तर-देवशास्त्र, धार्मिक क्रियाएॅं; नैतिक एवं दार्शनिक विचार; पौराणिक हिन्दू धर्म तथा हिन्दू धार्मिक मतों-प्रमुख सम्प्रदायों सहित वैष्णव, शैव तथा शाक्त धर्म का विकास; दक्षिण भारत की आलवार एवं नयनार परम्पराएॅं; भगवद् गीता, योग एवं वेदान्त-शंकर एवं रामानुज; बौद्धधर्म, जैनधर्म, तंत्र; भक्ति आन्दोलन, धर्म सुधार आन्दोलन-ब्रह्म समाज, आर्य समाज, रामकृष्ण मिशन।

ऐच्छिक - 2

सैन्धव सभ्यता का स्थापत्य, नगर-निवेश एवं मूर्तिकला; मौर्य स्थापत्य एवं मूर्तिकला; स्तूप स्थापत्य का उद्भव एवं विकास, शैलोत्कीर्ण स्थापत्य का विकास-गुहा, चैत्य, विहार, मन्दिर; हिन्दू मन्दिर का उद्भव एवं विकास-गुप्त, चालुक्य, पल्लव, राष्ट्रकूट, खजुराहो, उड़ीसा, चोल एवं दक्षिण भारत में परवर्ती विकास; शुंग-सातवाहन मूर्तिकला-भरहुत, बोधगया, सांची एवं अमरावती; मूर्तिकला की गंधार, मथुरा तथा सारनाथ शैलियाॅं, मूर्तिकला की गुप्तोतर आ´चलिक शैलियाॅं; अजन्ता एवं बाद्य गुफाओं का चित्रकला; मूर्तिकला-विष्णु, शिव, कार्तिकेय, गणेश, सूर्य, शक्ति, तीर्थकर, बुद्ध, बोधिसत्त्व, तारा ।

ऐच्छिक - 3

सामाजिक चिन्तन एवं भारतीय समाज का विकास; वर्णाश्रम धर्म, जाति-व्यवस्था, आश्रम, पुरूषार्थ, संस्कार, परिवार, शिक्षा, स़्ित्रयों की स्थिति, पर्दा प्रथा, सती, दास प्रथा, अस्पृश्यता, उत्सव एवं विनोद, वैधानिक संस्थाएॅं,; हिन्दू विधि के स्त्रोत, साम्पत्तिक अधिकार, उत्तराधिकार, न्यायिक प्रक्र्रिया मध्य एवं आधुनिक कालों में सामाजिक सुधार के प्रयास । भारतीय राजतंत्र-राज्य का स्वरूप, राजत्व, गणराज्य, स्थानीय स्वायत्तशासन, अन्तर्राज्य सम्बन्ध, कर व्यवस्था; आर्थिक जीवन-कृषि, व्यापार, वाणिज्य, उद्योग, श्रेणी, नगरीकरण, नगर एवं कस्बे ।

ऐच्छिक - 4

भक्ति का उद्भव एवं विकास, दक्षिण भारत की आलवार एवं नयनार परम्परायें; भक्ति आन्दोलन; भारत में इस्लाम; सूफी धर्म, सिक्ख धर्म; हिन्द-इस्लामी स्थापत्य-सल्तनत एवं मुगल काल; मुगल चित्रकला एवं आंचलिक शैलियाॅं; मध्यकालीन भारतीय समाज, अभिजात एवं कृषक वर्ग, दास प्र्रथा; आर्थिक जीवन-कृषि, व्यापार, वाणिज्य, उद्योग, नगरीकरण, नगर एवं कस्बे ।

ऐच्छिक - 5

भारतीय पुनरूत्थान; उन्नीसवीं एवं बीसवीं शताब्दी के सामाजिक-धार्मिक सुधार आन्दोलन-ब्रह्म समाज, प्रार्थना समाज, आर्य समाज, रामकृष्ण मिशन, बाहाबी आन्दोलन, दलित आन्दोलन, आधुनिक शिक्षा का प्रसार; पश्चिम की चुनौती, राष्ट्रीयता एवं संस्कृति-बंगाली साहित्य, बंकिम चन्द्र चटर्जी, रवीन्द्रनाथ टैगोर, काजी नजरूल इस्लाम; हिन्दी एवं उर्दू-प्रेमचन्द एवं इकबाल, अन्य भारतीय क्षेत्रीय भाषाएॅ एवं साहित्य; भारतीय अर्थव्यवस्था पर ब्रिटिश प्रभाव; भारतीय राष्ट्रीयता का उदय-तिलक, गाॅंधी; आधुनिक कला-चित्रकला, स्थापत्य, नृत्य, संगीत, स्वाधीनता के पश्चात् भारतीय संस्कृति; परम्परा एवं आधुनिकता ।

नमूने के प्रश्न प्रश्न-पत्र - II

1. डीप्रेस्ड कलाक्षेत्र मिशन सोसाइटी की स्थापना की थी
(ए) भीमराय अम्बेडकर ने
(बी) ज्योतिबा फूले ने
(सी) महात्मा गाॅंधी ने
(डी) वी. आर. शिन्दे ने
2. सूची - 1 को सूची - 2 के साथ सुमेलित करें तथा नीचे दिए गए कुटों का प्रयोग करते हुए सही उत्तर का चयन करें
सूची - 1 सूची - 2
(भाष्यकार) (दार्शनिक पद्धतियाॅं)
(ए) गौतम 1 सांख्य
(बी) कणाद 2 योग
(सी) कपिल 3 न्याय
(डी) पातंजलि 4 वैशेषिक
कूद:
(ए) ए इ ब क
1 2 3 4
(बी) ए इ ब क
2 3 4 1
(सी) ए इ ब क
3 4 1 2
(डी) ए ब क
4 1 2 3

प्रश्न-पत्र - II (ए)

मेगास्थनीज द्वारा प्रस्तुत भारतीय समाज का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें ।
अथवा
19वीं शताब्दी के सुधार आन्दोलन में राजा राम मोहन राय की भूमिका का वर्णन करें ।

प्रश्न-पत्र - II (बी)

प्राचीन भारतीय राजनीतिक चिन्तकों द्वारा प्रस्तुत राज्य की प्रकृति की अवधारणा का वर्णन करें।
अथवा
इंडो-इस्लामिक स्थापत्य कला के विकास को रेखांकित करें ।
विषय - पुरातत्व कोड - 67 ---->>>>

टिप्पणी

पाठयक्रम में दो प्रश्न पत्र होंगे, प्रश्न-पत्र. प्प् तथा प्रश्न-पत्र. प्प्प् (भाग. ए तथा बी)। प्रश्न पत्र. प्प् में 50 बहु.विकल्पी प्रश्न (बहु.विकल्पी टाइप, सुमेलित टाइप, सत्य/असत्य, कथन.कारण टाइप) होंगे, जिनका अंक 100 होगा। प्रश्न-पत्र. प्प्प् के दो खण्ड. ए और बी होंगे; प्रश्न-पत्र. प्प्प् (ए) में लघु निबन्ध प्रकार के 10 प्रश्न (300 शब्दों का) होंगे जिनमें प्रश्न 16 अंकों का होगा। इनमें प्रत्येक इकाई से एक प्रश्न आन्तरिक विकल्प होंगे (10 प्रश्न, 10 इकाई से; कुल अंक 160 होंगे)। प्रश्न-पत्र. प्प्प् ;बीेद्ध अनिवार्य होगा, जिसमें ऐच्छिक विषयों में से एक-एक प्रश्न होंगे। परीक्षार्थी को केवल एक प्रश्न (एक ऐच्छिक केवल 800 शब्दों के ) करना होगा, जिसका अंक 40 होगा। प्रश्न-पत्र. प्प्प् के कुल अंक 200 होंगे।

प्रश्न-पत्र. II एवं प्रश्न-पत्र III (कोर विभाग)

इकाई-I

पुरातत्व की परिभाषा, उद्देश्य व विषयवस्तु। पुरातत्व शास्त्र का इतिहास तथा विकास। पुरातत्व का सामाजिक व प्राकृतिक विज्ञानों से संबंध। पुरा-अवशेषों को प्राप्त करने की विधियाॅं: अन्वेषण तथा उत्खनन विधियाॅं। पुरातात्विक अवशेषों की सुरक्षा एवं संरक्षा के उद्देश्य व विधियाॅं। पुरा-अवशेषों की रिकार्डिंग व रिपोर्ट लेखन।

इकाई-II

कालानुक्रम एवं तिथि निर्धारण: सापेक्ष विधियाॅं; स्तर विज्ञान; निरपेक्ष विधियाॅं; कार्बन 14; पोटैशियम आर्गन, फिशन ट्रैक, ताप-संदीप्ति, वृक्ष-वलय तथा पुष्पपराग विश्लेषण। अन्य वैज्ञानिक विधियाॅं: फ्लोरीन जाॅंच, नाईट्रोजन एवं फास्फेट विश्लेषण; मुद्रा विश्लेषण। निष्पक्ष निष्कर्ष तथा व्याख्या: नृजातीय‘पुरातत्व विज्ञान, प्रयोगात्मक पुरातत्व; भारत में नूतन‘पुरातात्विक विधियों का प्रयोग।

इकाई-III

मानव का भूगर्भशस्त्रीय, शरीर रचना शास्त्रीय तथा सांस्कृतिक आयाम। चतुर्थक कालः प्रतिनूतन तथा नूतन कालीन पर्यावरण तथा जलवायु परिवर्तन। प्रतिनूतन कालीन पशु जगत तथा वानपतिक जगत्। मानव के विकास के मुख्य चरण तथा महत्वपूर्ण प्रस्तरीकृत अवशेष। पाषाण उपकरणों का प्रारंभ तथा तकनीकियों का विकास; पाषाण काल की मुख्य तकनीकियाॅं तथा उपकरण। प्रागैतिहासिक अवशेषों के अध्ययन की प्रमुख विधियाॅं।

इाकई-VI

खेटक-संकलन चरण: अफ्रेीका, योरोप व दक्षिण-पूर्वी एशिया का पुरा-प्रस्तर काल। योरोप व पश्चिम एशिया का मध्य-प्रस्तर काल। भारत के पुरा-प्रस्तर व मध्य-प्रस्तर कालीन अवशेष तथा महत्वपूर्ण स्थल। खाद्य उत्पादक चरणः पश्चिम एशिया का नव-प्रसतर चरण। भारत की प्रमुख नव-प्रस्तर कालीन संस्कृतियाॅं एवं महत्वपूर्ण स्थल।

इकाई-V

उत्तर व उत्तर-पश्चिम भारत की प्राक् तथा प्रारंभिक हड़प्पा ग्रामीण संस्कृतियाॅं। हड़प्पा संस्कृति: प्रारंभा, विस्तार, कालक्रम, नगरीकरण के आयाम, व्यापार, लिपि, धर्म, कला तथा उद्योग; विघटन के कारण। हड़प्पा संस्कृति का अन्तरण: पंजाब, हरियाण, राजस्थान, उत्तरप्रदेश तथा गुजरात। गुजरात, राजस्थान तथा मध्यप्रदेश की ताम्राश्मक ग्रामीण संस्कृतियाॅ। गांगेय घाटी की ताम्र-उपयोगी संस्कृतियाॅ।

इकाई-VI

लौह की प्रारंभिक प्राप्तियाॅ।: तिथियाॅं व संस्कृतिक लक्षण। चित्रित धूसर मृद्भाण्ड, कृष्ण लेपित मृद्भाण्ड तथा महाश्मक संस्कृतियों की मुख्य सांस्कृतिक विशेषताएॅं। उत्तरी कृष्ण मार्जित मृद्भाण्ड संस्कृति: विस्तार, कालानुक्रम, विशेष लक्षण। महत्वपूर्ण नगरीय स्थलः राजघाट, उज्जैन, वैशाली, तक्षशिला, मथुरा, श्रावस्ती, कौशाम्बी तथा शिशुपालगढ़। ऐतिहासिक काल के महत्वपूर्ण स्थलः श्रृंगवेरपुर, खैराडीह, सतनीकोटा, चंद्रकेतुगढ़, नासिक, अरिकमूडू तथा अदम।

इकाई-VII

संरचनात्मक स्तूप वास्तु: उत्तर व दक्षिण भारतीय। शैलकृत वास्तु: विहार एवं देवालय। मन्दिरों की मुख्य शैलियाॅं: मन्दिरों की उत्पत्ति व विकास; नागर, बेसर द्रविड़ शैलियों की मुख्य विशेषताएॅं तथा उदाहरण। मूर्तिकला की मुख्य शैलियाॅं: मौर्य शंुग, कुषाण, गुप्त, सातवाहन, चालुक्य, पल्लव तथा चोल कालीन।

इकाई-VIII

भारत में सिक्कों की उत्पत्ति तथा प्राचीनता। मुद्रण तकनीक। महत्वपूर्ण सिक्के: आहत सिक्के, अभिलेखित तथा अनअभिलेख्ति ढालित सिक्के, इण्डो-ग्रीक सिक्कों के प्रमुख प्रकार, शक, कुषाण और सातवाहन सिक्के, गुप्त स्वर्ण सिक्कों के प्रमुख प्रकार, रोमन सिक्के एवं इस्लाम-पूर्व मध्यकालीन भारतीय सिक्कों का संक्षिप्त विवरण।

इकाई-XI

भारत में लेखन-कला की उत्पत्ति एवं प्राचीनता; ब्राह्मी एवं खरोष्ठी लिपियों की उत्पत्ति। कुछ चुने हुए अभिलेखों का अध्ययन- अशोक की राजाज्ञायें, बेसनगर गरुड़ स्तम्भ अभिलेख; खारवेल का हाथीगुम्फा अभिलेख रुद्रदामन् का जूनागढ़ अभिलेख, समुद्रगुप्त का इलाहाबाद स्तम्भ अभिलेख, पुलकेशिन् द्वितीय का ऐहोल स्तम्भ अभिलेख तथा मिहिर भोज का ग्वालियर अभिलेख।

इकाई-X

शोध का प्रस्तावित क्षेत्र; लक्ष्य एवं उद्देश्य; प्रस्तावित अध्ययन-पद्धति; मुख्य एवं गौण साक्ष्य; प्रस्तावित क्षेत्र में पूर्व शोधों का सर्वेक्षण तथा प्रस्ताव का संभावित योगदान।

प्रश्न-पत्र III (वैकल्पिक)

इकाई-I

भारत का भूवैज्ञानिक कालानुक्रम एवं पाषाण कालीन संस्कृतियाॅं: सोहन घाटी; बेलन घाटी; सोन घाटी; तथा कोटलेयर घाटी। भारत की पुरा प्रस्तर संस्कृतियाॅः सोहन एवं एशुलियन परम्पराएॅं; मध्य-प्रस्तर संस्कृतियाॅ।; उच्च पुरा-प्रस्तर संस्कृति; पुरा प्रस्तर कालीन आवासीय प्रवृत्तियाॅ। भारत की मध्य-प्रस्तर संस्कृतियों का प्रतिरूप दोमटीय मैदान, गोखुर-झील, बालू-टीले, पठार एवं शैल-गृह स्थलों के प्रमुख लक्षण। भारत की नव-प्रस्तर संस्कृतियाॅः काश्मीर तथा बलूचिस्तान के प्रारंभिक कृषक समूदाय, विन्ध्य-बेलन क्षेत्र, कैमूर पर्वत एवं गंगा के मैदान, छोटानागपुर के पठान, तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र; तथा दकन एवं दक्षिण के पशुपालक समुदाय।

इकाई-II

भारत की सीमावर्ती क्षेत्रों की प्राक्-हड़प्पीय संस्कृतियों के विशेष लक्षण। हड़प्पा संस्कृति; उत्पत्ति, भौगोलिक विस्तार तथा सन्निवेशीय प्रारूप, नगरीय विन्यास तथा वास्तु; आन्तरिक तथा सामुद्रिक व्यापार; कला व उद्योग, भौतिक उपकरण, अर्थव्यवस्था, सामाजिक-राजनैतिक व्यवस्था, धर्म तथा निर्माता। महत्वपूर्ण उत्खनित स्थल। गुजरात में सोरथ तथा सिधी हड़प्पा की अवधारणा। हड़प्पा संस्कृति पतन तथा प्रचलन: अनगरीकरण एवं पतन के कारणः हरियाणा, पश्चिम उत्तरप्रदेश तथा गुजरात की परवर्ती हड़प्पा संस्कृतियाॅं। ताम्र प्रयुक्त करने वाली अन्य संस्कृतियाॅं;ताम्रनिधियाँ तथा गैरिक मृदभाण्ड; आहाड़, कायथा, मावला तथा दकन की ताम्राश्मक संस्कृतियाॅं; गांगेय क्षेत्र की संस्कृतियाॅं।

इकाई-III

ऐतिहासिक नगरीकरणः उत्तरी कृष्ण मार्जित मृद्भाण्ड संस्कृति: विस्ताार, कालक्रम, सांस्कृतिक लक्षण। महत्वपूर्ण नगर स्थल: राजघाट, उज्जैन, वैशाली, तक्षशिला, मथुरा, श्रावस्ती, कौशाम्बी तथा शिशुपालगढ़ सतनीकोट्टा। कुषाण काल में नगरीय सन्न्ािवेशें का विकास: विन्यास तथा विन्यासों का फैलाव; व्यापापिक केन्द्रों का विकास; भौतिक संस्कृति की मुख्य विशेषताएॅ। गुप्त तथा प्रारंभिक मध्युगों के उत्खनित अवशेष: सन्न्ािवेशों का स्वरूप तथा भौतिक संस्कृ की मुख्य विशेषताएँ।

इकाई-VI

प्राचीन सुरक्षा-प्राचीर युक्त सन्न्ािवेश की संरचनात्मक विशेषताएँ। स्तूप स्थापत्य की उत्पत्ति व विकास; साॅंची, भरहुत, अमरावती तथा नागार्जुनकोण्डा। शैल-गुहा स्थापत्य का विकास: चैत्यगृह तथा विहार। मंदिरों की उत्पत्ति व विकास; गुप्त मंदिरों, चालुक्य मंदिर, पल्लव रथ तथा खजुराहों मंदिर, उड़ीसा तथा चोल मंदिर। मुख्य शैलियाॅं: मौर्य कालीन शीर्ष स्तंभ, प्रारंभिक यक्ष मूर्तियाॅं, शुंग कालीन मूर्तियाॅं; कुषाण: मथुरा एवं अतंजा तथा बाघ के शैल-गुफा चित्र।

इकाई-V

पुरालेखीयशास्त्र इतिहास का स्न्न्ाोत; भारतीय लिपियों का उद्भव: विभिन्न सिद्धांत। चुने अभिलेखें का अध्ययन: अशोकीय: शिला-लेख ग्ए ग्प्प्ए ग्प्प्प्य अशोक का लुम्बिनी अभिलेख, बैराट का लघु, शिलालेख, बेसनगर का गरुड़ स्तंभ अभिलेख; खरवेल का हाथीगुंफा अभिलेख; रुद्रदामन का जूनागढ़ अभिलेख; स्वात अस्थि मंजूषा अभिलेख; कनिष्क प्रथम के काल का सारनाथ बुद्ध प्रतिमा अभिलेख; समुद्रगुप्त का इलाहाबाद स्तंभ अभिलेख; पुनकेशिन द्वितीय का ऐहोल स्तंभ अभिलेख; मिहिरभोज का ग्वालियर अभिलेख; राजेन्द्र चोल का तंजौर अभिलेख; राजेन्द्र चोल का तंजौर अभिलेख; तथा गोविन्द चतुर्थ (स्वर्णवर्ष ) का सांग्ली ताम्रपत्र। प्राचीन भारत में मुद्रा की उत्पत्ति तथा प्राचीनता। मुद्रा में प्रयुक्त धातु तथा तकनीकियाॅं। मुख्य मुद्रा प्रकार: आहत सिक्के, अभिलेखित तथा अनअभिलेखित ढालित सिक्के, इण्डो-ग्रीक सिक्कों के प्रमुख प्रकार, शक, कुषाण और सातवाहन सिक्कके, गुप्त स्वर्ण सिक्कों के प्रमुख प्रकार, रोमन सिक्के एवं इस्लाम-पूर्व मध्यकालीन भारतीय सिक्कों का संक्षिप्त विवरण।

नमूने के प्रश्न प्रश्न-पत्र II

1. ओल्डुबैमार्ग का उत्खनन किया था
(ए) क्लार्क होवेल ने
(बी) जे. डीत्र क्लार्क ने
(सी) एल. बुइफोर्ड ने
(ऽी) एल. एस. बी. लीकी ने
2. लैपी-लेयुली खदानें अवस्थित हैं
(ए) सह्याद्रि पहाड़ियों में
(बी) बदखान पहाड़ियों में
(सी) शिवालिक में
(डी) सतपुड़ा में
3. ’प्री-हिस्ट्र एण्ड फोटो‘हिस्ट्री इन इंडिया एण्ड पाकिस्तान’ के लेखक हैं
(ए) एच. डी. सौकालिया
(बी) बी. बाजचिन
(सी) बी. के. थापर
(डी) बी. सुब्बाराव

प्रश्न-पत्र III (A)

1 आरम्भिक तीर्थंकर मूर्तियों लक्षणें पर प्रकाश डालिये।
अथवा
गुप्त स्वर्ण सिक्कों के चन्द्रगुप्त-कुमारदेवी प्रकार पर एक आलोचनात्मक टिप्पणी लखिये।

प्रश्न-पत्र III(B)

11 भारत में स्तूप स्थापत्य के विकास का निरूपण कीजिये।
अथवा
मिहिर भोज के ग्वालियर अभिलेख के आधार पर प्रतिहारों के इतिहास का निर्माण कीजिये।