नवीन पाठ्यक्रम |
खण्ड ‘अ’
1. भारत में प्रागैतिहासिक संस्कृतियाँ
2. सिन्धु घाटी सभ्यता
3. सिन्धु क्षेत्र से बाहर की चारागाही व कृशि आधारित समुदाय
4. वैदिक समाज
5. मौर्य पूर्व काल
6. मौर्य साम्राज्य
7. मौर्य उत्तरकाल 200 ई.पू.से 300 ई.
8. गुप्त एवं गुप्तोत्तर काल
खण्ड ‘ब’
9. पूर्व मध्यकालीन भारत
10. सांस्कृतिक प्रवृत्तियाँ 750 से 1200
11.व 12. तेरहवीं व चैदहवीं षताब्दीयां
13. पन्द्रहवीं व षुरूआती सोलहवीं षताब्दी
14. व 15. मुगल साम्राज्य (1556-1707)
16. मुगल साम्राज्य का पतन (1707 से 1761)
खण्ड ‘स’
17. ब्रिटिष विस्तार
18. ब्रिटिष राज्य के आर्थिक प्रभाव
19. सांस्कृतिक भिड़न्त और सामाजिक बदलाव
20. ब्रिटिष राज्य का विरोध
21. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम-प्रथम चरण
22. गांधी और उनके विचार
23. राश्ट्रीय राजनीति में अलगाववादी प्रवृत्तियाँ
24. भारतीय स्वतन्त्रता से 1964 तक
विशय-सूची |
खण्ड अ प्राचीन भारत |
घटनाक्रम-प्राचीन भारत |
1 भारत की प्रागैतिहासिक संस्कृतियाँ >>
1.1 भारत में प्रस्तर-युग की अवस्थाओं का निर्धारण
1.2 प्रागैतिहासिक संस्कृतियाँ
1.3 प्रारंभिक लौह युगः ऐतिहासिक युग की षुरूआत
1.4 पुरातात्विक षब्दों की षब्दावली |
2. सिधु घाटी की सभ्यता >>
2.1 इतिहास में सिन्धु सभ्यता का स्थान
2.2 उत्पत्ति
2.3 प्रौढ़ अवस्था
2.4 अर्थव्यवस्था
2.5 संस्कृति तथा सामाज
2.6 पतन की समस्या |
3 सिन्धु क्षेत्र के बाहर गा्रमीण तथा कृशक समुदाय >>
3.1 प्रस्तावना
3.2 भौगोलिक ढांचा तथा पषुपालकों और कृशक
समुदायों की विषेशाताएं (2000-500 ई.पू.) |
4 वैदिक समाज >>
4.1 आर्यों का मूल निवास
4.2 आर्य संस्कृति की विषेशताएँ
4.3 वैदिक मूल-पाठ
4.4 ऋग्वैदिक अवस्था से उत्तर वैदिक
4.5 आर्थिक स्थिति
4.6 राजनीतिक संगठन और राजतंत्र का विकास
4.7 सामाजिक संगठन और वर्ण व्यवस्था
4.8 धर्म तथा उपनिशदीय विचारधारा |
5 पूर्व-मौर्य अवस्था >>
5.1 प्रारंभिक ऐतिहासिक अवस्था
5.2 राज्यों की उपत्ति तथा षहरीकरण
5.3 राजनीतिक इतिहास
5.4 बौद्ध धर्म
5.5 जैन धर्म |
6 मौर्य साम्राज्य >>
6.1 चन्द्रगुप्त तथा बिन्दुसार
6.2 मेगास्थनिज
6.3 अषोक और उसके उत्तराधिकारी
6.4 अषोक के अभिखेल तथा उनके स्थल
6.5 मौर्य प्रषासन, अर्थव्यवस्था, समाज तथा कला
6.7 अर्थषास्त्र |
7 मौर्यों के पष्चात् का भारत (200 ई.पू.-300 ई.) >>
7.1 समाज जाति का विकास
7.2 संगम साहित्य तथा समाज
7.3 सतवाहन तथा अन्य स्थानीय राजवंष
7.4 विदेषी राजवंष
7.5 बाहरी दुनिया से व्यापारिक संबंध
7.6 धर्मः हीनयान तथा महायान
7.7 कला के केंद्र |
8. गुप्त षासक तथा उनके उत्तराधिकारी (300-750 ई.) >>
8.1 गुप्त साम्राज्य
8.2 उनके उत्तराधिकारियों का राजनीतिक तथा सांस्कृतिक इतिहास
8.3 उनके उत्तराधिकारियों का सामाजिक-आर्थिक इतिहास |
खण्ड ब मध्यकालीन भारत |
घटनाक्रम-मध्यकालीन भारत |
9 प्रारंभिक मध्यकालीन भारत >>
9.1 उत्तर भारत के प्रमुख राजवंष
9.2 राजपुत्र
9.3 सामंतवाद
9.4 चोल तथा दक्षिण भारत के अन्य षासक |
10 सांस्कृतिक प्रवाह (750-1200) >>
10.1 क्षेत्रीय संस्कृति का उदय
10.2 धार्मिक स्थिति तथा मंदिरों का महत्व
10.3 षंकराचार्य तथा हिन्दूवाद
10.4 भाशा तथा साहित्य
10.5 इस्लामिक इतिहास |
11 13 वीं तथा 14 वीं षतााब्दियाँ >>
11.1 गौरी का आक्रमण
11.2 दासों के अधीन दिल्लह के सुल्तान
11.3 अला-उद्-दीन खिलजीः सुधार तथा विजय
11.4 मुहम्मद तुगलक के नवप्रवर्तन
11.5 फिरोज तुगलक और दिल्ली सल्तनत
11.6 प्रषासन
11.7 कृशि व्यवस्था का संबंध
11.8 वाणिज्य का विकास तथा षहरीकण
11.9 तकनीक आधारित परिवर्तन
11.10 भारतीय-फारसी संस्कृति का विकास |
12 15 वीं प्रारंभिक 16वीं षाताब्दियाँ >>
12.1 विजय नगर साम्राज्य
12.2 अन्य प्रमुख राजवंष
12.3 लोधी (1451-1526)
12.4 मुगल साम्राज्य का प्रथम भाग
12.5 सूर साम्राज्य (1540-1555)
12.6 पुर्तगाली
12.7 ऐकेष्वरवादी आंदोलन
12.8 क्षेत्रीय भाशाओं का विकास |
13. मुगल साम्राज्य (1556-1707) >>
13.1 अकबर महान मुगल
13.3 षिवाजी और उनके उत्तराधिकारी
13.4 अर्थव्यवस्था
13.5 मुगल संस्कृति
13.6 धार्मिक विचारः अबुल फजल
13.7 समाज का स्तर विन्यास तथा महिलाओं की स्थिति |
14 मुगल साम्राज्य का पतन (1707-1761) >>
14.1 परवर्ती मुगलः पतन के कारण
14.2 पेषवा के अधीन मराठा षक्ति
14.3 बंगाल क्षेत्रीय राज्य (1717-1772)
14.4 अफगानी
14.5 सवाई जयसिंह, खगोल षास्त्री
14.6 उर्दू भाशा का उत्थान |
खण्ड स आधुनिक भारत |
घटनाक्रम-आधुनिक भारत |
15 अंग्रेजों का विस्तार >>
15.1 कर्नाटक की लड़ाईयाँ
15.2 बंगाल पर जीत
15.3 मैसूर और ब्रिटिष साम्राज्यवाद से प्रतिरोध
15.4 आंग्ल-मराठा युद्ध (1845-1846)
15.6 सिंध पर अधिकार (1843)
15.7 ब्रिटिष राज का स्वरूप
15.8 गवर्नर जनरल एवं वायसराय
15.9 संवैधानिक विकास (1773-1947) |
16 ब्रिटिष राज का आर्थिक प्रभाव >>
16.1 उपनिवेषवाद के तीन चरण
16.2 धन का दोहन
16.3 भूमि राजस्व बंदोबस्त
16.4 भारतीय रेल
16.5 कृशि का व्यवसायीकरण
16.6 ग्रामीण ऋणभार तथा भूमिहीन मजदूरों का उदय
16.7 उद्योगों का पतन
16.8 आधुनिक उद्योगों का विकास |
17 सांस्कृतिक टकराव तथा सामाजिक परिवर्तन >>
17.1 पष्चिमी षिक्षा और आधुनिक विचार का प्रयोग
17.2 भारतीय पुनर्जागरणः सामाजिक तथा धार्मिक आंदोलन
17.3 भारत के मध्यम वर्गीय लोगों का उदय
17.4 प्रैस और इसका प्रभाव
17.5 आधुनिक साहित्य का भारतीय भाशाओं में उदय
17.6 1857 के पहले सामाजिक सुधार |
18 ब्रिटिष राज के खिलाफ प्रतिरोध >>
18.1 ब्रिटिष षासन के विरुद्ध प्रारंभिक आंदोलन
18.2 1857 का विद्रोह
18.3 जाति आंदोलन
18.4 किसान आंदोलन
18.5 मजदूर आंदोलन |
19 भारत का स्वतंत्रता संग्राम-प्रथम अवस्था >>
19.1 राश्ट्रीय भावना का विकास
19.2 संगठनों का उदय
19.3 भारतीय राश्टीय कांग्रेस की स्थापना
19.4 उदारवादी अवस्था (1885-1905)
19.5 उग्रवाद अवस्था (1906-1918)
19.6 आर्थिक राश्ट्रवाद तथा स्वदेषी आंदोलन
19.7 1909 का कानून तथा अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो नीति
19.8 कांग्रेस-लीग समझौता (1916)
19.9 होम रूल आंदोलन (1916-1917) |
20 गांधी और उनके विचार >>
20.1 गांधी (1869-1948)
20.2 गांधी का जनमानस को प्रभावित करने का तरीका
20.3 असहयोग तथा खिलाफत आंदोलन
20.4 सविनय अवज्ञा आंदोलन
20.5 भारत छोड़ो आंदोलन
20.6 राश्ट्रीय क्रांतिकारी संगठनों की अन्य धाराएं
20.7 वाम पंथी
20.8 सुभाशचंद्र बोस और आई. एन. ए. |
21 भारतीय राश्ट्रीय राजनीति में अलगाववादी प्रवृत्तियाँ >>
21.1 अलगाववादी प्रवृत्तियाँ
21.2 मुस्लिम लीग का उत्थान तथा विकास
21.3 पाकिस्तान के लिए आंदोलन
21.4 1945 के बाद की प्रवृत्तियाँः विभाजन तथा |
22 स्वतंत्र भारत (1964 तक) >>
22.1 प्रस्तावना
22.2 नया गणतंत्र तथा 1950 का संविधान
22.3 जवाहर लाल नेहरू का अवलोकन
22.4 योजना तथा सरकार नियंत्रित औद्योगीकरण
22.5 भूमि संबंधी सुधार
22.6 भारत की विदेषी नीति
22.7 चीन के साथ सीमा विवाद तथा चीन का भारत पर आक्रमण |
खंण्ड द पुनरावृत्ति |
मध्यकालीन तथा आधुनिक भारत की आर्थिक षब्दावली व्यक्तित्व |