पूर्व मध्यकाल (750 ई. से 1200 ई. तक)
उत्तर भारत (उत्तर भारत के राजवंश)
परिचय
गुप्तोत्तर राजनीतिक विश्रृंखलन; केन्द्रीय सत्ता की ढीलाई और सामन्तवाद का विकास, बौद्धिकहाश सामाजिक और धार्मिक अधःपतन; विस्तारवादी इस्लाम की चुनौती
पुण्यभूतिवंश और कान्यकुब्ज राजवंश
ऐतिहासिक सामग्री; थानेष्वर का राज्य; प्रभाकरवर्धन और राज्यवर्धन; हर्शवर्धन का प्रारम्भिक इतिहास; हर्श की विजयें;द्वितीय पुलकेषी से युद्ध और पराजय; हर्श का साम्राज्यविस्तार; हर्श का षासन; संस्कृति और साहित्य का उन्नयन
हर्ष की मृत्यु के बाद की शताब्दी का मध्यदेश
हर्ष-साम्राज्य के खण्डहरों पर; यषोवर्मा; आयुधवंष और कनौज पर अधिकार के लिये त्रिकोणात्मक संघर्श का प्रारंभ मगध के परवर्ती गुप्त
गौड और वंग राजवंश
समतट का उदय एवं प्रारम्भिक विकास बंगाल के प्राकृतिक विभाजन; गौडराज्य का उदय; षषांकराज; शशांकराज के बाद बंगाल में अव्यवस्था; वंग‘समतट की स्वतंत्र सत्ता ; खंग राजवंश ; बाहरी आक्रमण और अव्यवस्था; चन्द्र शासक; वर्मन् षासक
प्रतीहार राजवंश
उत्पत्ति; उज्जैन के गुर्जर प्रतीहार; वत्सराज; कनौज में प्रतीहार साम्राज्य की स्थापना; द्वितीय नागभट्ट; रामभद्र; मिहिरभोज; प्रथम महेन्द्रपाल; द्वितीय भोज; प्रथम महीपाल; प्रतीहार साम्राज्य काहाश महमूद गजनवी का आक्रमण और प्रतीहारों का पतन; गुर्जर प्रतीहार सत्ता का मूल्यांकन
कश्मीर के राजवंश
ज्ञानस्रोत; राजतरंगिणी; कार्कोटवंष, उत्पलवंष; प्रथम लोहरवंष और कष्मीर की अवनति का प्रारम्भ; द्वितीय लोहरवंश
सिन्ध और मुल्तान: अरब सत्ता की स्थापना
भौगोलिक स्थिति; अरब आक्रमण के पूर्व के हिन्दू षासक; अरब आक्रमण; पश्चिमी भारत के अन्य क्षेत्रों पर अरबों के असफल आक्रमण अरब अधिकार का स्वरूप और प्रभाव
अफगानिस्तान और पंजाब का षाही राज्य
काबुल और जाबुल; काबुल और पंजाब का हिन्दू षाही राज्य
पाल राजवंश
गोपाल; धर्मपाल; देवपाल; प्रथम विग्रहपाल-षूरपाल; नारायणपाल; राज्यपाल; द्वितीय गोपाल और द्वितीय विग्रहपाल; प्रथम महीपाल; प्रथम महीपाल के कमजोर उत्तराधिकारी और पालों का त्वरितहाश पालों का अन्त
उड़ीसा के राजवंश
पृश्ठभूमि; षैलोद्भव राजवंश ; कर अथवा भौमवंष; भंजराज्य; उत्कल के सोमवंषी; पूर्वी गंग; अन्य राजवंश
सेन राजवंश
उत्पत्ति और प्रारम्भिक इतिहास; विजयसेन; वल्लालसेन; लक्ष्मणसेन; लक्ष्मणसेन के उत्तराधिकारी
कामरूप
भौगोलिक स्थिति; भास्करवर्मा; म्लेच्छ सालस्तम्भ का वंष; ब्रह्मपाल का वंष; पाल आक्रमण से बतिख्यार खलजी के आक्रमण तक
गहड़वाल राजवंश
उत्पत्ति ; प्रारंभिक इतिहास; गहड़वाल राज्य का विस्तार; गोविन्दचन्द्र; विजयचन्द्र; जयच्चन्द्र; षिहाबुद्दीन मुहम्मद गोरी का आक्रमण और गहड़वाल राज्य का पतन
चन्देल राजवंश
उत्पत्ति ; चन्देल राज्य की स्थापना; चन्देल सत्ता के उत्कर्श का प्रारम्भ; हर्श:चन्देल सत्ता का विकास; यषोवर्मा; चन्देल सत्ता का चरमोत्कर्श: धंग; गण्ड; विद्याधर: चन्देल साम्राज्यवाद; चन्देल सत्ता का क्षीणयुग: विजयपाल से पृथवीवर्मा तक; मदनवर्मा और चन्देलसत्ता का क्षणिक पुनरूत्थान चन्देल सत्ता का पराभव और पतन
चाहमान राजवंश
उत्पत्ति और प्रारम्भिक क्षेत्र; चाहमानों के मूल क्षेत्र; प्रतीहारों के सामन्त रूप में चाहमान; संप्रभु चाहमान सत्ता का विकास; अजयराज; अर्णोराज; चतुर्थ विग्रहराज; वीसलदेव: चाहमान सत्ता का चरमोत्कर्श; अपरगांगेय और द्वितीय पृथवीराज; सोमेष्वर; तृतीय पृथवीराज
चैलुक्य/सोलंकी राजवंश
उत्पत्ति ; चैलुक्य राज्य की स्थापना और प्रारम्भिक विकास; प्रथम भीम; कर्ण; जयसिंह सिद्धराज: चैलुक्य साम्राज्य की स्थापना; जयसिंह का अन्य राज्यों से सम्बन्ध; कुमारपाल चैलुक्य सत्ता : का चरमोत्कर्श; अजयपाल तथा द्वितीय मूलराज; द्वितीय भीम; चैलुक्य सत्ता का क्रमिक ह्ास और अंत
परमार राजवंश
उत्पत्ति ; लाट-मालवा के परमार; प्रारम्भिक इतिहास; द्वितीय वाक्पति; मुंजराज; सिन्धुराज; महान् भोज: परमार सत्ता का चरमोत्कर्श; मालवा पर बाहरी आक्रमण और परमार साम्राज्य का अधःपतन; परमार सत्ता की गोधूलि
कलचुरि राजवंश
प्रस्तावना; माहिश्मती के कलचुरि; सरयूपार की कलचुरि षाखाएँ; त्रिपुरी के कलचुरि; प्रारम्भिक इतिहास; गांगेयदेव विक्रमादित्य : कलचुरि सत्ता का विकास; कलचुरि सत्ता का चरमोत्कर्श: कर्ण; कलचुरि सत्ता का पराभव और अन्त
सामान्य प्रशासन
राज्य का स्वरूप; राजा, युवराज और रानियाँ; राजदरबार; अमात्य; केन्द्रीय अधिकारी; भुक्ति एवं अन्य छोटी प्रषासनिक इकाइयाँ; स्थानीय प्रषासन; ग्राम षासन; राजस्व प्रषासन; सैन्य व्यवस्था; न्याय प्रषासन और पुलिस; कला और संस्कृति का उन्नयन-सुषासन का परिणाम
दक्षिण भारत(दक्षिण भारत के राजवंश)
दक्षिण भारत का भूगोल
1 दक्षिणापथ 2 सुदूर दक्षिण
दक्षिण भारतीय इतिहास के विविध स्त्रोत
प्रागैतिहासिक एवं आद्यैतिहासिक संस्कृतियां
दक्षिण भारत में नंदों तथा मौर्यों का प्रभुत्व
दक्षिण भारत के प्रारंभिक राजवंश
आन्ध्र सातवाहन राजवंश
शातकर्णि द्वितीय, लंबोदर, आपीलक, कुन्तलशातकर्णि, हाल, गौतमीपुत्र शातकर्णि शातकर्णि, श्रीशिवस्कन्द शातकर्णि शातकर्णि
इक्ष्वाकु, बृहत्फलायन, आनंद, षालंकायन एवं विश्णुकुंडिन राजवंश
शान्तमूल प्रथम, माठरीपुत्र वीरपुरुषदत्त, एहवुलशान्तमूल द्वितीय, रुद्रपुरुषदत्त द्वितीय, बृहत्फलायन, आनन्द, कन्दर, अत्तिवर्मन (हस्तिवर्मन), दामोदर वर्मन, शालंकायन, विष्णुकुन्डिन, माधववर्मन प्रथम, माधववर्मन द्वितीय, देववर्मन, विक्रमेन्द्रवर्मन प्रथम, इन्द्रभट्टारक, माधववर्मन तृतीय, माधववर्मन चतुर्थ, गोविन्दवर्मन,
वेंगी का चालुक्य राजवंश
कुव्ज विष्णुवर्धन, जयसिंह प्रथम, इन्द्रवर्मन, विष्णुवर्धन द्वितीय, विष्णुवर्धन तृतीय, विजयादित्य प्रथम, विष्णुवर्धन चतुर्थ, विजयादित्य द्वितीय, विष्णुवर्धन पंचम, विजयादित्य तृतीय, भीम प्रथम, अम्म द्वितीय, दानार्णव, शक्तिवर्मन प्रथम, विमलादित्य, राजराज नरेन्द्र विष्णुवर्धन, शक्तिवर्मन द्वितीय, विजयादित्य सप्तम
काकतीय राजवंश
बेत प्रथम, प्रोल प्रथम, बेत द्वितीय, दुर्गनृपति, प्रोल द्वितीय, रुद्रदेव, महादेव, गणपति,रूद्राम्बा (रूद्रमदेवी, रूद्रदेव), प्रतापरूद्र,
चेदि षासक खारवेल
पूर्वी गंग राजवंश
इन्द्रवर्मन प्रथम, साम्राज्यवादी गंग, अनन्तवर्मन चोड गंगदेव
चुटु एवं आभीर
चुटु एवं आभीर, आभीर
वाकाटक राजवंश
विन्ध्यशक्ति प्रथम, प्रवरसेन प्रथम, रूद्रसेन प्रथम, पृथ्वीषेण प्रथम, रूद्रसेन द्वितीय, प्रभावती गुप्ता, प्रवरसेन द्वितीय, नरेन्द्रसेन, पृथ्वीषेण द्वितीय, हरिषेण
वातापी का चालुक्य राजवंश
जयसिंह, रणराग, पुलकेशिन प्रथम, कीर्तिवर्मन प्रथम, मंगलेश, पुलकेशिन द्वितीय, आदित्य वर्मन, चन्द्रादित्य, विक्रमादित्य प्रथम, रणरागवर्मन, जयसिंह वर्मन, अभिनवादित्य, विनयादित्य, विजयादित्य, विक्रमादित्य द्वितीय, कीर्तिवर्मन द्वितीय
लाट के चालुक्य
श्रयाश्रय शीलादित्य, मंगलरसराज विनयादित्य, अवनिजनाश्रय पुलकेशिराज
मान्यखेट का राष्ट्रकूट राजवंश
दन्तिवर्मन, इन्द्रप्रथम, गोविन्द प्रथम, कर्क प्रथम, इन्द्र द्वितीय, कृष्ण प्रथम, दन्तिदुर्ग, गोविन्द द्वितीय, ध्रुव, कर्क, स्तम्भ, गोविन्द तृतीय, इन्द्र अमोघवर्ष प्रथम, कृष्ण द्वितीय, जगत्तुंग, इन्द्र तृतीय, अमोघवर्ष तृतीय, अमोघवर्ष द्वितीय, गोविन्द चतुर्थ, कृष्ण तृतीय, जगत्तुंग, खोट्टिग, निरुपम, इन्द्र चतुर्थ, कर्क द्वितीय
कल्याणी का चालुक्य राजवंश
तैल द्वितीय, सत्याश्रय, दशवर्मन, विक्रमादित्य पंचम, अय्यण, जयसिंह द्वितीय, सोमेश्वर प्रथम, जयसिंह तृतीय, सोमेश्वर द्वितीय, विक्रमादित्य षष्ठ, जयसिंह चतुर्थ, सोमेश्वर तृतीय, जगदेकमल्ल द्वितीय, तैल तृतीय, सोमेश्वर चतुर्थ, भूलोकमल्ल द्वितीय, जगदेकमल्ल तृतीय
देवगिरि का यादव राजवंश
सेउणचन्द्र प्रथम, धाडियय्प प्रथम, भिल्लम प्रथम, राजुगि, वड्डिग प्रथम, धाडियस या धाडियय्प द्वितीय, भिल्लम द्वितीय, वेसुगि, भिल्लम तृतीय, वड्डिग द्वितीय, वेसुगि द्वितीय, सेउणचन्द्र द्वितीय, भिल्लम चतुर्थ, एरमदेव, सिंहण प्रथम, मल्लुगि प्रथम, अमर गांगेय, मल्लुगि द्वितीय, कालीय बल्लाल, भिल्लम पंचम, जैतुगि प्रथम, सिंहण द्वितीय, जैतुगि द्वितीय, कन्नर, महादंव, रामचन्द्र, आमण, सिंहण तृतीय, भिल्लम षष्ठ, मल्लिदेव, मल्लुगि तृतीय
पल्लव राजवंश
महेन्द्रवर्मन प्रथम, नरसिंहवर्मन प्रथम, महेन्द्रवर्मन द्वितीय, परमेश्वरवर्मन प्रथम, नरसिंहवर्मन द्वितीय, परमेश्वरवर्मन द्वितीय, नन्दिवर्मन द्वितीय, दन्तिवर्मन द्वितीय, दन्तिवर्मन, नन्दिवर्मन तृतीय, नृपतंुगवर्मन, अपराजित
चोल राजवंश
विजयालय, आदित्य प्रथम, परान्तक प्रथम, राजादित्य, गंडरादित्य, अरिंजय, उत्तमचोल, परान्तक, आदित्य द्वितीय, राजराज प्रथम, राजेन्द्र प्रथम, राजाधिराज, राजेन्द्रदेव द्वितीय, वीरराजेन्द्र, अधिराजेन्द्र
प्रथम पांड्य साम्राज्य
कडंुगोन, मारवर्मन अवनिशूलमणि, शेन्दन, अरिकेशरि मारवर्मन, कोच्चडैय्यन रणधीर, मारवर्मन राजसिंह प्रथम, जटिलपरान्तक नेडंुजडैय्यन, राजसिंह द्वितीय, वरगुण प्रथम, श्रीमारश्रीवल्लभ, वरगुण द्वितीय, परान्तक वीरनारायण, मारवर्मन राजसिंह
द्वितीय पांड्य साम्राज्य
विक्रमपांड्य, जटावर्मन कुलशेखर प्रथम, मारवर्मन सुन्दरपांड्य प्रथम, जटावर्मन कुलशेखर द्वितीय, मारवर्मन सुन्दरपांडय द्वितीय, जटावर्मन वीरपांड्य, जटावर्मन विक्रमपाड्य, जटावर्मन सुन्दरपांड्य प्रथम, मारवर्मन कुलशेखर, सुन्दरपांड्य, वीरपाण्ड
बनवासी का कदम्ब राजवंश
मयूरशर्मन (मयूरवर्मन), कंगवर्मन, भागीरथ, रघु, काकुस्थवर्मन, शान्तिवर्मन, मृगेशवर्मन, मानधाताराज (मानधातृवर्मन), रविवर्मन, हरिवर्मन, कृष्णवर्मन प्रथम, विष्णुवर्मन, सिंहवर्मन, कृष्णवर्मन द्वितीय, अजवर्मन, भोगिवर्मन
पश्चिमी गंग राजवंश
अविनीत, दुर्विनीत, भूविक्रम, शिवमार प्रथम, श्रीपुरूष, शिवमार द्वितीय, विजयादित्य, नीतिमार्ग एरेगंग, राचमल्ल द्वितीय, एरेगंग (एरेयप्प), बूतुग द्वितीय
तलकाड के गंग
होयसल राजवंश
नृपकाम, विनयादित्य, एरेयंग, बल्लाल प्रथम, विष्णुवर्धन, उदयादित्य, नरसिंह प्रथम, बल्लाल द्वितीय, नरसिंह द्वितीय, सोमेश्वर, नरसिंह तृतीय, रामनाथ, बल्लाल तृतीय, बल्लाल चतुर्थ, विश्वनाथ
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