पाषाण काल
पाषाण कालीन मानव जीवन खानाबदोश होता था। पाषाण काल से तात्पर्य यह है कि इस काल के मानव का जीवन मुख्यरूप से पत्थरों से निर्मित औजारों एवं वस्तुओं पर आधारित था। अर्थात इस काल में मानव पत्थरों का उपयोग करना भलीभांति सीख गया था । पाषाण काल को तीन भागो में बांटा गया है -
1. पुरा पाषाण काल 2. मध्य पाषाण काल 3. नवपाषाण काल
महत्वपूर्ण बिन्दु: पाषाण काल
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भारत में पुरापाषाण काल
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भारत में मध्य पाषाण काल
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भारत में नव पाषाण काल
नव पाषाण काल का वैषिश्ट्य एवं महत्व, भारत की नव पाशाणिक संस्कृतियों का क्षेत्रीय विभाजन: उत्तरी भारत की संस्कृति, विन्ध्य क्षेत्र की संस्कृति, दक्षिण भारत की संस्कृति, मध्य गंगा घाटी की संस्क्रति, मध्य-पूर्वी संस्कृति, पूर्वोत्तर भारत की संस्कृति |
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