मौर्योत्तर काल (184 ई. पू. से 27 ई. पू. तक)
अवतरणिका
सामान्य विषेषतायें
अंधयुग
षुंग वंष तथा उत्तरी भारत के अन्य राज्य
शंगु राजाओं का महत्व
शंगु वंश के ऐतिहासिक साधन
शंगु वंश की स्थापना
पुष्यमित्र का तिथिक्रम और वंश
विदर्भ का युद्ध
यवन आक्रमण
अश्वमेघ यज्ञ
हिन्दूपुनरूत्थान
कण्व वंश
उत्तर प्रदेश तथा पंजाब केे लघुराज्य
1 अयोध्या 2 पंचाल 3 मथुरा 4 कौशाम्बी 5 आर्जुनायन 6 पंजाब के विभिन्न राज्य
क. औदुम्बर ख. कुणिन्द ग. त्रिगर्त घ. यौधेय ड. अगस्त्य
कलिंग के महामेघवाहन
खारवेल की तिथि
यवनों के आक्रमण तथा हिन्दयूनानी राज्य
यवनों के साथ सम्पर्क
बैक्ट्रिया का राज्य भौगोलिक स्थिति और महत्व
हिन्द यूनानी सत्ता के प्रसार के मार्ग
1 बामिंयां का मार्ग 2 खावक दर्रे का मार्ग 3 काओषां दर्रे का मार्ग
यवन साम्राज्य का विस्तार
डिमेट्रियस, एण्टीमेकस, डिमेट्रियस द्वितीय, यूक्रेटाईटीज प्रथम, मिनाण्डर
मिनाण्डर के बाद के राजा मीरजका तथा कुन्दूज मुद्रानिधियाॅं, स्टेटो,
एण्टिआल्किडस एवं हर्मियस
यूनानी षासन का प्रभाव
साहित्य, विज्ञान एवं धर्म
यूनानियों का भारतीयकरण
मुद्राकला एवं मूर्तिकला
उपसंहार
हिन्द यूनानी राजाओं की वंषावली और कालक्रम
शक तथा पहलव
शकों का आरंभिक इतिहास
मध्य एषिया की उथल पुथल
शकों के भारत प्रवेष और आक्रमण के मार्ग
भारत पर आक्रमण करने वाले शकों की विभिन्न षाखाएं
वोनोनीस तथा उसके उत्तराधिकारी
मोअ तथा उसके उत्तराधिकारी
मोअ के उत्तराधिकारी
इण्डोपाथियन अथवा पहलवी राजा
गोण्डोफर्नीज, संत थामस का कथानक
गोण्डोफर्नीज, के उत्तराधिकारी
शकों की शासन व्यवस्था तथा क्षत्रप
अभिसारप्रस्थ के क्षत्रप एवं मथुरा के क्षत्रप
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